तीन-भाषा नीति की वापसी पर मिलकर जताई खुशी
शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने 20 साल बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से एक मंच साझा किया। यह ऐतिहासिक मिलन महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में लागू की गई तीन-भाषा नीति को वापस लेने के फैसले की खुशी में आयोजित किया गया। दोनों दलों का मानना है कि यह नीति छात्रों पर हिंदी थोपने जैसा था।
स्थानीय निकाय चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण बदलने के संकेत
यह पुनर्मिलन ऐसे समय हुआ है जब राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना (UBT) को केवल 20 सीटें मिलीं, जबकि MNS एक भी सीट नहीं जीत पाई। दूसरी ओर, शिंदे गुट और बीजेपी ने भारी बहुमत से सरकार बनाई। अब दोनों ठाकरे बंधु मराठी पहचान और भाषा के मुद्दे पर फिर से एकजुट होकर जन समर्थन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
2005 के बाद पहली बार साथ आए मंच पर
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे आखिरी बार 2005 में एक साथ मंच पर दिखे थे, जब मालवन विधानसभा सीट के लिए प्रचार अभियान चल रहा था। उसी वर्ष नारायण राणे ने शिवसेना छोड़ दी थी और इसके कुछ ही समय बाद राज ठाकरे ने भी पार्टी से अलग होकर 2006 में MNS की स्थापना की थी।
राजनीतिक शोभा, लेकिन बिना झंडे और बैनर के
यह “विजय उत्सव” मुंबई के वर्ली स्थित NSCI डोम में आयोजित किया गया, जो शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे का विधानसभा क्षेत्र भी है। हालांकि यह एक बड़ा राजनीतिक आयोजन था, फिर भी दोनों दलों ने सहमति से किसी भी प्रकार के पार्टी झंडे, बैनर या चिन्हों का प्रयोग नहीं किया, जिससे यह आयोजन एकता और उद्देश्य की भावना से प्रेरित नजर आया।
आप यह भी पढ़ सकते हैं
- 2025 Yamaha MT-15 version 2.0 भारत में लॉन्च – जानें टॉप 5 हाइलाइट्स August 15, 2025
- Triumph Thruxton 400: First Ride Review August 14, 2025
- Ather 450S का धमाका! 161 KM रेंज और Alexa फीचर्स के साथ लॉन्च August 8, 2025
- Samsung Galaxy S25 Ultra: अब तक की सबसे दमदार डील August 7, 2025
- PM Jan Dhan Yojana: एक खाता, अनेक सुविधाएँ, जानिए पूरी जानकारी August 7, 2025



