क्या AI की ‘Hallucination’ अब भी एक गंभीर समस्या है

नवीन राव, VP (AI), Databricks ने बताया, “इसे पूरी तरह से खत्म करना असंभव है”

  • AI हैलुसिनेशन क्या है? AI द्वारा उत्पन्न झूठी या भ्रामक जानकारी, जिसे ‘हैलुसिनेशन’ कहा जाता है, एक गंभीर समस्या बन चुकी है।

  • नवीन राव का बयान: Databricks के AI प्रमुख नवीन राव के अनुसार, AI हैलुसिनेशन को पूरी तरह से समाप्त करना असंभव है।

  • भारतीय उद्योगों में प्रभाव: भारतीय उद्योगों में AI हैलुसिनेशन के कारण डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

AI hallucinations एक जटिल समस्या

AI हैलुसिनेशन तब होता है जब AI मॉडल्स वास्तविक तथ्यों के बजाय गलत या भ्रामक जानकारी उत्पन्न करते हैं। यह समस्या विशेष रूप से स्वास्थ्य, वित्त और सरकारी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में गंभीर हो सकती है, जहां सटीकता और विश्वसनीयता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

नवीन राव का दृष्टिकोण

Databricks के AI प्रमुख नवीन राव के अनुसार, AI हैलुसिनेशन को पूरी तरह से समाप्त करना असंभव है। उनका कहना है कि यह समस्या AI मॉडल्स की संरचना और प्रशिक्षण डेटा की सीमाओं के कारण उत्पन्न होती है।

भारतीय उद्योगों में प्रभाव

भारतीय उद्योगों में AI हैलुसिनेशन के कारण डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि AI मॉडल्स के प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाले और संरचित डेटा की आवश्यकता है। इसके लिए डेटा गवर्नेंस और सत्यापन प्रक्रियाओं को मजबूत करना आवश्यक है।

समाधान की दिशा में कदम

AI हैलुसिनेशन को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों का विकास किया जा रहा है। इनमें से एक प्रमुख तकनीक है ‘Retrieval-Augmented Generation’ (RAG), जो AI मॉडल्स को अधिक सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने में मदद करती है। इसके अलावा, ‘Acurai’ जैसी नई प्रणालियाँ भी विकसित की जा रही हैं, जो AI हैलुसिनेशन को 100% तक समाप्त करने का दावा करती हैं।

AI हैलुसिनेशन एक जटिल और चुनौतीपूर्ण समस्या है, जिसे पूरी तरह से समाप्त करना वर्तमान में संभव नहीं है। हालांकि, नवीनतम तकनीकों और मजबूत डेटा गवर्नेंस प्रक्रियाओं के माध्यम से इस समस्या को कम किया जा सकता है। भारतीय उद्योगों को इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि AI तकनीक का सुरक्षित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।