कॉफी बोर्ड, वाणिज्य विभाग, भारत सरकार द्वारा “मध्यम अवधि रूपरेखा (MTF) के दौरान एकीकृत कॉफी विकास परियोजना” के तहत एक नई योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य कॉफी उत्पादकों को गुणवत्तापूर्ण और पर्यावरण-अनुकूल कॉफी के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना का उद्देश्य:
किसानों को गुणवत्ता सुधार के लिए प्रोत्साहित करना
ऊंचे दामों वाली इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंच बनाना
छोटे आदिवासी उत्पादकों के समूह/SHG को ईको-सर्टिफिकेशन की ओर बढ़ाना
भविष्य में साझा संसाधनों की सुविधा के लिए ग्रुप मॉडल को बढ़ावा देना
सब्सिडी का लाभ:
प्रकार | सब्सिडी | अवधि |
---|---|---|
ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन | कुल लागत का 75% | अधिकतम 3 वर्ष या कन्वर्जन अवधि (जो पहले पूरा हो) |
अन्य ईको सर्टिफिकेशन (Fair Trade, Rainforest Alliance, UTZ, etc.) | कुल लागत का 75% | 1 वर्ष |
यह सहायता केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी जिन्होंने वास्तव में सर्टिफिकेशन प्राप्त किया हो। ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन के लिए “इन-कन्वर्जन” अवधि के दौरान हुए खर्च भी मान्य हैं।
कौन ले सकता है लाभ?
आदिवासी उत्पादकों के SHG या ग्रुप्स
जिनके पास वैध सर्टिफिकेशन है – जैसे:
ऑर्गेनिक (NPOP, NOP, EU, JAS)
Fair Trade, Rainforest Alliance, UTZ, Bird Friendly, Shade Grown आदि
सर्टिफिकेट केवल मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा MTF अवधि के दौरान जारी किया गया होना चाहिए
सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया:
Step 1: सर्टिफिकेशन पूरा करें और दस्तावेज तैयार करें
प्रमाणन एजेंसी से सर्टिफिकेट प्राप्त करें और जरूरी दस्तावेज तैयार करें
Step 2: Coffee Board के स्थानीय कार्यालय (JLO/SLO) में आवेदन करें
फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें
Step 3: निरीक्षण और सत्यापन
JLO/SLO दस्तावेज जांचेंगे और फील्ड विजिट के बाद रिपोर्ट बनाएंगे
Step 4: स्वीकृति और भुगतान
Deputy Director/Joint Director द्वारा जांच के बाद सब्सिडी सीधे किसान को दी जाएगी
आवश्यक दस्तावेज:
निर्धारित आवेदन पत्र (2 प्रति)
SHG/संगठन का पंजीकरण प्रमाण पत्र
सभी सदस्यों की सूची
प्रमाणन एजेंसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट
सर्टिफिकेशन लागत की इनवॉइस
बैंक पासबुक की कॉपी (खाता संख्या, IFSC कोड सहित)
आवश्यक दस्तावेज:
निर्धारित आवेदन पत्र (2 प्रति)
SHG/संगठन का पंजीकरण प्रमाण पत्र
सभी सदस्यों की सूची
प्रमाणन एजेंसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट
सर्टिफिकेशन लागत की इनवॉइस
बैंक पासबुक की कॉपी (खाता संख्या, IFSC कोड सहित)
यह योजना उत्तर-पूर्व भारत के छोटे कॉफी उत्पादकों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने का एक सुनहरा अवसर है।
अगर आप SHG के रूप में कॉफी उत्पादन कर रहे हैं और सर्टिफिकेशन प्राप्त कर चुके हैं, तो यह लाभ ज़रूर उठाएं!
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