Trump की military massacre : कैलिफोर्निया गार्ड पर फिर यूपी का नियंत्रण!

न्यायपीठ ने फेडरल अधिकार बनाए रखा, गवर्नर नूसम ने किया विरोध — कितना जायज़ है यह गवरना-फेडरल टकराव?

मामला क्या है?

12 जून 2025 को कैलिफोर्निया के सर्वोच्च न्यायालयीय स्तर के एक मामले में नवीनतम मोड़ आया, जिसमें ट्रंप प्रशासन को कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के सदस्यों पर फेडरल नियंत्रण जारी रखने की अनुमति मिल गई।
इससे पहले उसी दिन, एक जिला जज ने ट्रंप के आदेश को अवैध ठहराते हुए कहा था कि उस नियंत्रण को तुरंत गवर्नर गविन नूसम को लौटाना होगा, लेकिन फिर ही नॉर्थर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफ़ोर्निया की 9वीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने इस फैसले को होल्ड पर रख दिया और ट्रंप के पक्ष में सुनवाई के लिए 17 जून तक का वक्त तय किया।

 जज ब्रीयर का कहना:

जज चार्ल्स ब्रीयर ने टिप्पणी में कहा कि राष्ट्रपति ने Tenth Amendment (दसवां संशोधन) और संबंधित संघीय कानूनों का उल्लंघन किया है। उनकी राय थी कि ट्रंप ने बिना गवर्नर की अनुमति दिए गार्ड्स को फेडरल आदेश पर इस्तेमाल किया — जो संविधान की शक्तियों का उल्लंघन हो सकता है ।

अपीलीय न्यायालय का रुख:

9वीं सर्किट कोर्ट के तीन जजों (दो ट्रंप समर्थित, एक बिडेन समर्थन) ने अस्थायी रूप से नीलंबित कर दिया जिले के आदेश को, ताकि शीर्ष अदालत तर्कों का गौर कर पूरा फैसला ले सके ।

उन्होंने कहा कि यह “administrative stay” है — यानी फेडरल आदेश पर तत्काल रोक न लगाई जाए — और 17 जून को इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

गवर्नर Newsom और खोखली शक्तियों का आरोप:

गवर्नर नूसम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस कदम को “गंभीर संवैधानिक जोखिम” बताया और कहा:

“राष्ट्रपति अपने आप को राजा समझता है – ऐसा होना संविधान की भावना के विपरीत है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह “अस्वीकार्य संघीय दबाव” है और इसके विरोध में उन्होंने 22 डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल्स को समर्थन में खड़ा किया था ।

ट्रंप प्रशासन का युक्तिवाद:

ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि इंसीलिंग एंजेन्सियों (जैसे ICE) को शहीद विरोध प्रदर्शनियों से सुरक्षा दिलाने के लिए यह कदम ज़रूरी था।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो फेडरल सुविधाओं और कर्मियों की रक्षा खतरे में थी ।

वाइट हाउस की प्रवक्ता ने बयान में कहा, “यह एक प्रमुख और असाधारण हमले का सामना था — और हम न्यायपालिका के इस फैसले के खिलाफ जाएंगे” ।

क्या है इसका राजनीतिक असर?

  • संयुक्त राज्य में संघ और राज्य की शक्तियों की सीमा खुले में आ गई है।
  • यह पहली बार है जब 1965 के बाद राष्ट्रपति ने राज्य की मना करने के बावजूद नेशनल गार्ड को फेडरली नियंत्रित किया — जब जॉनसन ने नागरिक अधिकार आंदोलन के दौरान अलबामा में बल भेजा था ।
  • इस घटना ने फिर से सवाल खड़े किए हैं कि एक अमेरिकी राष्ट्रपति को क्या-क्या करने का अधिकार है, और क्या लोकतांत्रिक संस्थाओं को सीधा चुनौती मिल रही है?

आगे की राह:

  • 17 जून को सुनवाई के बाद न्यायालय न्यायिक विवेचना जारी रखेगा।
  • अगर जजों का निर्णय प्रशासन के पक्ष में आता है, तो कैलिफोर्निया गार्ड पर फेडरल नियंत्रण साफ़ हो जाएगा।
  • हानि नहीं हुई तो गवर्नर नूसम सुप्रीम कोर्ट में संविधानात्मक विरोध कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

यह मामला सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि संविधान की डोर कसने व ढीली करने का सवाल है।
गवर्नर नूसम इसे लोकतंत्र की रक्षा मानते हैं, जबकि ट्रंप प्रशासन इसे “सुरक्षा का अधिकार” कहता है।
अब अदालत फैसला करेगी कि किसके हाथ में होनी चाहिए फौजी शक्ति — देश के सर्वोच्च कार्यपालन के या राज्य के लोकतांत्रिक प्रतिनिधियों के?