जगन्नाथ रत्न भंडार सुरक्षित, खुशखबरी पुरी से!

Dhritishmita Ray

पुरी: जगन्नाथ रत्न भंडार सुरक्षित, मरम्मत पूरी!

पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (Ratna Bhandar) पूरी तरह सुरक्षित हैं और मरम्मत कार्य लगभग पूरा हो चुका है, यह जानकारी पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देब ने गुरुवार को दी।

कैसे हो रहा है मरम्मत कार्य?

गजपति महाराज ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 11 महीनों से चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के मुख्य प्रशासक अरविंद पड्ढी और ASI की तकनीकी टीम भी मौजूद रही। उन्होंने रत्न भंडार के भीतर और बाहर दोनों हिस्सों का निरीक्षण किया, जो काफी जर्जर हालत में था।

600 पत्थर की स्लैब बदली गईं

गजपति महाराज ने बताया:

“रत्न भंडार की संरचनात्मक मरम्मत और इसकी सुंदरता, ओडिशा की पारंपरिक मंदिर वास्तुकला की झलक दिखाती है।”

  • मरम्मत के दौरान करीब 600 पत्थर की स्लैब पारंपरिक डिजाइन में बदलकर सुरक्षा को मजबूत किया गया।
  • 14 बीम की मरम्मत की गई है।
  • 80 से अधिक कुशल कारीगर रत्न भंडार की मरम्मत में लगे हैं।

8 जुलाई तक पूरा हो जाएगा कार्य

गजपति महाराज ने कहा:

“जो भी थोड़ा बहुत काम बचा है, वह 8 जुलाई को नीलाद्रि बिजे तक पूरा कर लिया जाएगा।”

मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद, राज्य सरकार की अनुमति से SJTA रत्न भंडार में रखे कीमती सामानों की सूची तैयार करेगी।

46 साल बाद रत्न भंडार खुला

अधिकारियों ने बताया कि रत्न भंडार को 46 साल बाद जुलाई 2024 में खोला गया था ताकि मरम्मत और इन्वेंट्री का काम किया जा सके।

रक्षा और संरक्षण कार्य भी जारी

SJTA प्रमुख अरविंद पड्ढी ने बताया:

  • भीतरी मरम्मत लगभग पूरी हो चुकी है।

  • अगले दो दिनों में बाहरी मरम्मत भी पूरी कर ली जाएगी।

  • रत्न भंडार के भीतरी और बाहरी हिस्सों को रासायनिक कोटिंग से संरक्षित किया जा रहा है।

नई स्टेनलेस स्टील और बर्मा टीक वुड की सुरक्षा गेट लगाए गए हैं, जिन्हें बाद में चांदी की परत से सजाया जाएगा।