आमिर खान ने ‘PK’ विवाद पर दिया सफाई, कहा – फिल्म का मकसद था धर्म से नहीं, बल्कि प्यार से जुड़ा संदेश देना
मुंबई: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने अपनी फिल्म ‘PK’ को लेकर हो रहे विवादों पर एक बार फिर अपनी चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान, आमिर ने खुलासा किया कि उनकी चर्चित फिल्म PK कभी भी धर्म के खिलाफ नहीं थी, जैसा कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया था। आमिर ने कहा कि फिल्म का उद्देश्य सिर्फ एक सकारात्मक संदेश देना था, जो समाज में प्यार और एकता को बढ़ावा देता है।
‘PK’ फिल्म और ‘लव जिहाद’ का विवाद: आमिर का जवाब
फिल्म ‘PK’ को लेकर अक्सर यह आरोप लगाए जाते हैं कि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली फिल्म थी और उसमें ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिया गया। इस पर आमिर खान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारे पास हमेशा यही सवाल आता है कि क्या फिल्म धर्म के खिलाफ थी। मेरा मानना है कि ‘PK’ केवल एक संदेश देने के लिए थी। यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं थी, बल्कि समाज में प्यार और सद्भावना को बढ़ावा देने की कोशिश थी।”

आमिर ने अपनी निजी ज़िंदगी का उदाहरण दिया
आमिर खान ने अपनी निजी ज़िंदगी का भी उदाहरण देते हुए कहा, “मेरी बहनें और मेरी बेटी ने हिंदू परिवारों से विवाह किया है, तो क्या आप यह कह सकते हैं कि मैं किसी धर्म के खिलाफ हूं? यह सिर्फ एक व्यक्तिगत चयन है, और प्यार किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय से ऊपर है।” इस बयान के साथ, आमिर ने यह स्पष्ट किया कि ‘PK’ में जो संदेश था वह धर्म को लेकर नफरत फैलाना नहीं, बल्कि एकता और प्रेम का संदेश था।
आमिर की फिल्म ‘PK’ को लेकर समाज में क्यों था विवाद?
2014 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘PK’, जिसमें आमिर खान के साथ अनुष्का शर्मा और सोनाक्षी सिन्हा ने अभिनय किया था, ने समाज के कई पहलुओं को कटाक्ष किया था। फिल्म के ज़रिए आमिर ने धर्म और विश्वासों के बारे में कई सवाल उठाए थे। कुछ वर्गों ने इसे धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन मानते हुए इसका विरोध किया था, जबकि फिल्म के समर्थकों का कहना था कि फिल्म ने एक विचारशील चर्चा शुरू की थी।
फिल्म का असल उद्देश्य: समाज में विचारशीलता लाना
आमिर ने कहा, “हमने फिल्म में कभी भी किसी धर्म का अपमान नहीं किया। PK का उद्देश्य केवल समाज में धर्म और विश्वास के बारे में सोचने के लिए लोगों को प्रेरित करना था। हम चाहते थे कि लोग यह समझें कि हमें धर्म, जाति या संप्रदाय से ऊपर उठकर एक-दूसरे से प्यार करना चाहिए।”
आमिर का यह बयान फिल्म के उद्देश्य को लेकर अब तक की गई टिप्पणियों का जवाब है। वह यह स्पष्ट करना चाहते थे कि उनकी फिल्म का कोई भी मकसद धार्मिक विवाद पैदा करना नहीं था।
फिल्मों के जरिए समाज में बदलाव की उम्मीद
आमिर खान ने हमेशा फिल्मों के जरिए समाज में बदलाव लाने की कोशिश की है। उनकी फिल्मों ने कई सामाजिक मुद्दों को उजागर किया है और उन्होंने हमेशा हर मुद्दे पर अपनी राय रखने से परहेज नहीं किया। आमिर का यह कहना है कि उनका लक्ष्य समाज के समक्ष कुछ ऐसे प्रश्न उठाना है, जिन पर हमें विचार करना चाहिए।
आगे की योजना: आमिर के नए प्रोजेक्ट्स
आमिर खान अब अपनी अगली फिल्मों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करते रहेंगे। उनका मानना है कि फिल्में केवल मनोरंजन का साधन नहीं हो सकतीं, बल्कि ये समाज में विचारशीलता लाने का भी एक जरिया हो सकती हैं।
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