AI न्यूज़ एंकर, रियल journalists को पीछे छोड़ रहे हैं? भारत में तेजी से बढ़ रहा ट्रेंड

रिपोर्ट में खुलासा: भारतीय अब खबरों के लिए कर रहे हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स पर भरोसा — पारंपरिक मीडिया हो रहा है पीछे।

भारत में खबरों की दुनिया में एक नया डिजिटल मोड़ आ चुका है। अब पाठक और दर्शक सिर्फ टीवी और अखबारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बड़ी संख्या में लोग AI आधारित न्यूज़ एंकर, वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स से खबरें प्राप्त कर रहे हैं। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पारंपरिक मीडिया की जगह अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

AI से चलने वाली न्यूज़ का क्रेज

रिपोर्ट में बताया गया है कि AI से संचालित न्यूज़ एंकर, जो किसी इंसान जैसे दिखते और बोलते हैं, अब भारतीय दर्शकों के बीच तेजी से पसंद किए जा रहे हैं। यह एंकर दिन-रात थकान के बिना अपडेट देते हैं, और तेज़ी से बदलती खबरों को तुरंत पेश करने में सक्षम हैं।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स भी बने भरोसेमंद स्त्रोत

AI के अलावा, YouTube, Instagram और X (पूर्व में Twitter) पर एक्टिव डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स अब खबरों का नया स्रोत बन चुके हैं। खासकर युवा वर्ग इनमें अधिक दिलचस्पी ले रहा है।
इन इन्फ्लुएंसर्स की भाषा, अंदाज़ और टारगेटेड कंटेंट उन्हें पारंपरिक मीडिया से अलग बनाता है।

न्यूज़ चैनलों और अखबारों की गिरती पकड़

रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि पारंपरिक मीडिया — जैसे टीवी न्यूज़ और प्रिंट अखबार — अब पहले जैसी पकड़ नहीं रख पा रहे। लोग समय की कमी और तेज़ सूचना की जरूरत के चलते AI और डिजिटल माध्यमों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

डेटा क्या कहता है?

  • 2024 के आखिर तक भारत में लगभग 65% इंटरनेट यूज़र्स किसी न किसी रूप में AI-जनित कंटेंट से जुड़ चुके थे।

  • 18 से 35 साल की उम्र के लोग सबसे ज़्यादा AI आधारित न्यूज़ का उपभोग कर रहे हैं।

  • वर्चुअल न्यूज़ एंकरों की लोकप्रियता खासकर छोटे शहरों और कस्बों में भी बढ़ रही है।

AI और डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स ने खबरों की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है। सवाल यह नहीं कि क्या पारंपरिक मीडिया रहेगा — सवाल यह है कि वह कैसे खुद को बदलेगा।
आने वाले समय में हो सकता है कि हमारी सुबह की चाय के साथ अखबार की जगह AI न्यूज़ बॉट्स की आवाज़ सुनाई दे।