Benjamin Netanyahu ने Trump को Nobal Peace Prize के लिए किया नामित

Picture of Bhiju Nath

Bhiju Nath

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। सोमवार, 7 जुलाई 2025 को व्हाइट हाउस में हुई एक अहम बैठक के दौरान नेतन्याहू ने ट्रंप को नोबेल नामांकन पत्र सौंपा। पत्रकारों से बातचीत में नेतन्याहू ने कहा कि यह सम्मान “पूरी तरह से योग्य” है और इज़राइल अमेरिका के साथ मिलकर उन देशों की पहचान करने में जुटा है जो फिलिस्तीनियों को बेहतर भविष्य देने की दिशा में काम कर सकें।

“आपसे आना इसे और खास बनाता है” – ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप, जो लंबे समय से खुद को “शांति निर्माता” कहते रहे हैं और नोबेल पुरस्कार के प्रति अपनी रुचि जाहिर करते रहे हैं, उन्होंने नामांकन पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इसके बारे में पहले से कुछ भी पता नहीं था। ट्रंप ने नेतन्याहू से कहा, “आपसे यह सम्मान मिलना मेरे लिए बेहद मायने रखता है।”

गाजा युद्ध की पृष्ठभूमि में तीसरी मुलाकात

नेतन्याहू और ट्रंप की यह इस वर्ष की तीसरी मुलाकात है, लेकिन इस बार की यात्रा कई चुनौतियों के साए में हो रही है। एक ओर जहां नेतन्याहू का दौरा विजयी प्रतीत होता है, वहीं दूसरी ओर गाजा में हमास के खिलाफ इज़राइल के 21 महीने लंबे युद्ध और बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर भी गहराते सवाल उनके साथ हैं।

बंधकों की रिहाई पर ट्रंप का रुख अहम

गाजा में फंसे बंधकों के परिवारों की ओर से यह मांग की जा रही है कि कोई भी युद्धविराम समझौता तब तक अधूरा माना जाए जब तक सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित न हो। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर नेतन्याहू से ठोस कार्रवाई की मांग करते हैं या फिर बातचीत केवल राजनीतिक शो के तौर पर रह जाती है।

रात्रि भोज में होगी निजी चर्चा

मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू के बीच एक निजी डिनर भी तय है, जिसमें गाजा युद्ध, मध्य-पूर्व में शांति स्थापना और अमेरिका-इज़राइल के भविष्य के रिश्तों पर विस्तृत बातचीत की संभावना है।

यह नामांकन भले ही ट्रंप के लिए एक बड़ी उपलब्धि जैसा प्रतीत हो, लेकिन दुनिया की निगाहें अब इस बात पर हैं कि क्या यह सम्मान असल शांति प्रयासों में तब्दील हो पाएगा या केवल राजनीतिक प्रतीक बनकर रह जाएगा।