Genpact’s का 10 घंटे का कार्यदिवस: कर्मचारियों में असंतोष, क्या है इसके पीछे की वजह

Genpact’s द्वारा 10 घंटे के कार्यदिवस की घोषणा के बाद कर्मचारियों में असंतोष की लहर, क्या यह कदम कर्मचारियों की भलाई के लिए है या एक और श्रमिक शोषण?

जेनपैक्ट, एक प्रमुख आईटी कंपनी, ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के लिए 10 घंटे के कार्यदिवस की घोषणा की है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष की लहर दौड़ गई है। कर्मचारियों का कहना है कि यह कदम उनके मानसिक स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

कर्मचारियों की प्रतिक्रिया:

हैदराबाद स्थित एक वरिष्ठ डेवलपर, अनिल कुमार, ने कहा, “यह प्रस्ताव पिछड़े कदम जैसा महसूस होता है। लंबे कार्यदिवस केवल मौजूदा समस्याओं जैसे तनाव और थकावट को बढ़ाएंगे।” एक अन्य कर्मचारी, कार्तिक रेड्डी, ने कहा, “हमारे लिए स्मार्ट कार्य प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करना अधिक महत्वपूर्ण है, न कि कार्य समय बढ़ाना।”

कंपनी की प्रतिक्रिया:

जेनपैक्ट ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वे कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देते हैं और किसी भी नीति में बदलाव से पहले कर्मचारियों से फीडबैक लिया जाएगा।

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में एक प्रस्तावित संशोधन पेश किया है, जिसमें आईटी कर्मचारियों के लिए कार्यदिवस को 10 घंटे से बढ़ाकर 14 घंटे करने की बात की गई है। यह प्रस्ताव हैदराबाद के कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि वे पहले से ही लंबे कार्यदिवसों का सामना कर रहे हैं।

कर्मचारियों और ट्रेड यूनियनों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसे श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। वे सरकार और कंपनियों से यह सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं कि कर्मचारियों के कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा की जाए।

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