गोपाल खेमका केस: राहुल गांधी बोले- ‘बिहार क्राइम कैपिटल बन गया

Dhritishmita Ray

पटना में व्यापारी की हत्या से मचा हड़कंप

बिहार की राजधानी पटना में व्यापारी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की सरेआम गोली मारकर हत्या ने पूरे राज्य में दहशत फैला दी है। गांधी मैदान थाना क्षेत्र में 4 जुलाई की रात बदमाशों ने बेहद करीब से गोली मारकर उनकी जान ले ली और मौके से फरार हो गए। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में राज्य में व्यापारियों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की कड़ी में एक और गंभीर मामला बन गई है।

राहुल गांधी का नीतीश कुमार पर तीखा हमला

इस घटना के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का गुस्सा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर फूटा। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि बिहार अब ‘भारत की क्राइम कैपिटल’ बन चुका है और अपराध यहां ‘नया नॉर्मल’ बन गया है। उन्होंने लिखा,

“आज बिहार लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है। अपराध यहां ‘नया नॉर्मल’ बन चुका है और सरकार पूरी तरह नाकाम है। बिहार के भाइयों और बहनों, यह अन्याय अब और नहीं सहा जा सकता। जो सरकार आपके बच्चों की सुरक्षा नहीं कर सकती, वह आपके भविष्य की जिम्मेदारी भी नहीं ले सकती। हर हत्या, हर लूट, हर गोली, एक चीख है बदलाव की। अब वक्त है एक नए बिहार का, जहाँ डर नहीं, तरक्की हो। इस बार वोट सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बिहार को बचाने का है।”

राहुल गांधी के इस बयान के बाद बिहार में सियासी पारा और चढ़ने की उम्मीद है। तेजस्वी यादव पहले ही राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर रहे हैं, और अब राहुल गांधी की टिप्पणी से विपक्ष का हमला और तेज हो गया है।

सरकार ने दिए सख्त कार्रवाई के संकेत

गोपाल खेमका की हत्या के बाद बिहार सरकार ने जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी है और पुलिस प्रशासन ने दोषियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि अपराधियों में डर पैदा किया जा सके।

बढ़ती घटनाओं ने खड़े किए सवाल

पिछले कुछ महीनों में बिहार में कई बड़े व्यापारियों की हत्या की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे राज्य में बढ़ते अपराध पर जनता और व्यापारिक वर्ग में गहरी चिंता है। लगातार हो रही इन घटनाओं ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तत्परता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बिहार में चुनावी माहौल के बीच इस तरह की घटनाएं कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार की जवाबदेही और विपक्ष की मांगों को और प्रखर बना रही हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति में और गरमाहट देखने को मिल सकती है।