200 फाइटर जेट्स से 100 से ज़्यादा ठिकानों पर एक साथ बमबारी
बड़े सैन्य अधिकारियों की मौत, ईरान बोला – “हम जवाब देंगे”
अमेरिका, रूस और यूके के साथ नेतन्याहू की इमरजेंसी बातचीत
इंटरनेशनल उड़ानों पर असर, मुंबई-लंदन फ्लाइट डायवर्ट
क्या हुआ है?
बीती रात 12 जून को इज़राइल ने ईरान पर ऐसा हमला कर दिया, जिसे कुछ लोग “सीधी जंग की शुरुआत” मान रहे हैं। इस हमले में करीब 200 लड़ाकू विमान शामिल थे और ईरान के परमाणु व सैन्य ठिकानों को एकसाथ निशाना बनाया गया।
हमला रात के करीब 2 बजे शुरू हुआ, जब ईरान की राजधानी तेहरान, इस्फहान और नतंज जैसे शहरों में ज़ोरदार धमाकों की आवाज़ें गूंजने लगीं। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए जिसमें लोग अफरा-तफरी में घरों से निकलते दिखे।
कौन-कौन मारे गए?
इस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के कई बड़े अफसरों की मौत हुई है।
- IRGC एयर चीफ
- ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ – मोहम्मद बाघेरी
- कमांडर घोलाम अली राशिद
इन अधिकारियों की मौत ने ईरान को हिला कर रख दिया है। ईरान की सरकार ने कहा है कि ये हमला बिना चेतावनी के किया गया और ये एक तरह से “जंग की घोषणा” है।
हमला क्यों किया गया?
इज़राइल का दावा है कि उसे पुख्ता जानकारी मिली थी कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बना रहा है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हमारी सुरक्षा के लिए ये ज़रूरी था।”
यह कोई छोटा हमला नहीं था। इसे ‘Operation Rising Lion’ नाम दिया गया और इसके तहत ईरान के 100 से ज्यादा टारगेट एकसाथ बमबारी में तबाह किए गए।
ईरान का जवाब?
ईरान ने भी चुप नहीं बैठा। जानकारी के मुताबिक, उसने 100 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें इज़राइल की ओर भेजीं, लेकिन इज़राइल की एंटी-एयर डिफेंस ने उन्हें हवा में ही रोक दिया।
तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और ईरान जल्दी ही इसका “मजबूत जवाब” देगा।
उड़ानों और आम लोगों पर असर
इस हमले का असर अब सिर्फ दोनों देशों तक सीमित नहीं रहा।
- कतर एयरवेज और एमिरेट्स जैसी कंपनियों ने अपने रूट बदल दिए।
- मुंबई-लंदन फ्लाइट को दुबई में लैंड कराना पड़ा।
- कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान और इज़राइल की यात्रा टालने को कहा है।
दुनिया की प्रतिक्रिया
दुनियाभर में हलचल मच गई है।
- अमेरिका और ब्रिटेन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
- संयुक्त राष्ट्र ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।
- रूस ने इज़राइल की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे पूरा इलाका “आग का गोला” बन सकता है।
तेल महंगा, बाज़ार डरा
इस पूरे मामले का असर बाज़ार पर भी दिखा। कच्चे तेल के दाम में 8% की बढ़ोतरी देखी गई और शेयर बाजारों में गिरावट शुरू हो गई है।
क्या ये सिर्फ शुरुआत है?
विशेषज्ञों की मानें तो ये हमला एक बड़ी लड़ाई की शुरुआत हो सकता है।
ईरान ने अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर डाल दिया है और सीरिया, इराक और लेबनान में मौजूद अपने मिलिशिया ग्रुप्स को तैयार कर लिया है।
अगर ईरान खुलकर जवाब देता है तो ये मामला सिर्फ इज़राइल-ईरान तक सीमित नहीं रहेगा, ये पूरा मिडिल ईस्ट खींच सकता है।
निष्कर्ष
इज़राइल और ईरान के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था, लेकिन इस बार बात सीधी बम और मिसाइलों तक पहुंच चुकी है। आने वाले कुछ दिन दुनिया की दिशा तय कर सकते हैं।
जैसे ही अगला कदम कोई भी देश उठाएगा – वो या तो बातचीत का रास्ता होगा या फिर एक पूरी जंग की चिंगारी।
