बिना documents के भी होगा nomination verification, Election Commission ने Bihar में पुनरीक्षण पर दी राहत।

Bhiju Nath

विवादों के बीच चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए गंभीर सवालों के बाद चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन मतदाताओं के पास आवश्यक दस्तावेज़ नहीं हैं, उनका नामांकन सत्यापन अब स्थानीय जांच के आधार पर भी किया जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज़ न होने पर भी भरें फार्म

चुनाव आयोग द्वारा जारी एक पोस्टर में कहा गया है कि अगर किसी के पास आवश्यक दस्तावेज़ या फोटो नहीं है, तो वह केवल नामांकन फार्म भरकर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को सौंप सकता है। इसके बाद संबंधित रजिस्ट्रेशन अधिकारी स्थानीय स्तर पर जाकर जांच कर सकता है और प्रमाण या गवाहों के आधार पर फैसला ले सकता है।

विपक्ष का आरोप: मतदाताओं को सूची से बाहर करने की साजिश

इस प्रक्रिया पर विपक्षी दलों — खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी (शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्धव गुट) और वामपंथी दलों — ने मिलकर आरोप लगाया था कि यह एक “साजिश” है, ताकि करोड़ों लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर किया जा सके। तेजस्वी यादव ने कहा था, “भारत सरकार के अनुसार, केवल 2-3% लोगों के पास ही ये दस्तावेज़ होते हैं। ये सीधे-सीधे संविधान प्रदत्त मतदान अधिकार पर हमला है।”

आयोग ने दी 2003 के मतदाताओं को राहत

चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट किया था कि वर्ष 2003 के विशेष पुनरीक्षण में दर्ज किए गए 4.96 करोड़ मतदाताओं (जो कुल मतदाताओं का 60% हैं) को किसी भी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। यह आश्वासन उन लोगों के लिए राहत का संकेत है जिनका नाम पहले से सूची में दर्ज है।

अब तक 1.21 करोड़ फॉर्म हुए जमा

चुनाव विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1.21 करोड़ मतदाताओं ने नामांकन फॉर्म जमा किया है, जिनमें से 23.9 लाख का डेटा अपलोड भी हो चुका है। फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई निर्धारित की गई है।

हर पात्र नागरिक को मिलेगा मताधिकार: आयोग

चुनाव आयोग ने यह भी दोहराया है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जा रही है और “हर पात्र नागरिक को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।” आयोग का कहना है कि वे स्थानीय जांच के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई योग्य मतदाता सूची से वंचित न रहे।