अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़े तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप के तीखे बयान का असर, कच्चे तेल के दाम चढ़े और वैश्विक बाजारों में दिखा पॉज़िटिव ट्रेंड।
दुनियाभर के शेयर बाजारों और ऊर्जा बाज़ार में सोमवार को हलचल देखी गई, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कड़ी चेतावनी जारी की। ट्रंप के बयान के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से उछाल आया, जिससे आर्थिक विश्लेषकों और निवेशकों में नई चर्चा शुरू हो गई।
तेल की कीमतों में बड़ा उछाल
ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में लगभग 3% तक की बढ़त दर्ज की गई। ट्रंप ने अपनी बातों में वैश्विक आपूर्ति संकट और सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका को ऊर्जा के मामलों में और सतर्क रहना होगा।
इस बयान के बाद ट्रेडर्स को आशंका हुई कि आने वाले समय में तेल आपूर्ति में कटौती या राजनीतिक तनाव से दाम और चढ़ सकते हैं।

शेयर बाजारों ने दिखाई मजबूती
तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद, निवेशकों की भावनाओं पर सकारात्मक असर पड़ा और अमेरिका समेत कई प्रमुख शेयर सूचकांकों ने दिन का कारोबार बढ़त के साथ खत्म किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक फिलहाल ट्रंप के बयान को संभावित नीतिगत बदलावों से जोड़कर देख रहे हैं, खासकर 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के परिप्रेक्ष्य में।
वैश्विक स्तर पर चिंताएं भी
हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इस बढ़त को अस्थायी बताया और कहा कि अगर भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ता है, तो ऊर्जा कीमतें नियंत्रण से बाहर हो सकती हैं। इससे विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने दिखा दिया कि वैश्विक ऊर्जा बाजार किस कदर राजनीतिक बयानबाज़ी पर निर्भर है। तेल की बढ़ती कीमतें जहां एक ओर निवेशकों को लाभ दे सकती हैं, वहीं दूसरी ओर आम उपभोक्ता के लिए ये महंगाई का नया झटका भी बन सकती हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि यह तेजी स्थायी रुख बनती है या फिर महज़ क्षणिक हलचल साबित होती है।