PM Modhi की ऐतिहासिक Ghana यात्रा: 4 agreements , UPI partnership और defence-security में नई दिशा

Bhiju Nath

सांस्कृतिक और स्वास्थ्य क्षेत्र में समझौते, रक्षा और खनिज में सहयोग का विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों देशों ने अपने रिश्तों को “व्यापक साझेदारी” के स्तर पर अपग्रेड किया और चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, मानकीकरण और संस्थागत संवाद शामिल हैं।

चार अहम MoU पर हस्ताक्षर

बैठक के बाद चार समझौते किए गए —

  1. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (CEP), जिससे कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और विरासत के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

  2. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और घाना मानक प्राधिकरण (GSA) के बीच समझौता, जिससे मानकीकरण और प्रमाणन में सहयोग होगा।

  3. पारंपरिक चिकित्सा पर MoU, जिससे भारत के आयुर्वेद संस्थान और घाना के वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान के बीच प्रशिक्षण और अनुसंधान साझा होंगे।

  4. संयुक्त आयोग की स्थापना, जिससे दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद और सहयोग की समीक्षा नियमित रूप से हो सकेगी।

व्यापार, खनिज और डिजिटल भुगतान में सहयोग का विस्तार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अब तक घाना में लगभग 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है और अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत UPI डिजिटल भुगतान प्रणाली को घाना के साथ साझा करने को तैयार है।

साथ ही, दोनों देशों ने महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई।

रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और घाना दोनों इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इस दिशा में साइबर सुरक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा आपूर्ति और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सुरक्षा में एकजुटता के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे।”

कृषि और फार्मा क्षेत्र में नई संभावनाएं

प्रधानमंत्री महामा ने भारत से कृषि क्षेत्र में सहयोग मांगा है, ताकि घाना को खाद्य सुरक्षा और “फूड बास्केट” देश के रूप में विकसित किया जा सके। इसके अलावा, भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमताओं को देखते हुए घाना में फार्मा और टीका निर्माण इकाइयां लगाने पर भी चर्चा हुई।

तीन दशकों में पहली भारत-घाना शिखर यात्रा

यह यात्रा तीन दशकों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है, जो न सिर्फ भारत-घाना रिश्तों को नई ऊंचाई देगी, बल्कि अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ भारत के गहरे जुड़ाव का प्रतीक भी है।