Shefali Jariwala की मौत के बाद उठे सवाल: क्या fitness ही काफी है?Doctor ने बताया steroids और hormonal therapy से कैसे बढ़ता है heart attack का खतरा

Bhiju Nath

सेहतमंद दिखने की होड़ बन रही जानलेवा

‘कांटा लगा’ फेम एक्ट्रेस- मॉडल शेफाली जरीवाला की 42 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से मौत ने सभी को चौंका दिया है। पहली नजर में वे फिट और हेल्दी दिखती थीं, लेकिन उनकी अचानक हुई मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या सिर्फ एक्सरसाइज और फिटनेस रूटीन ही सेहत की गारंटी है?

डॉक्टर की चेतावनी: नींद की कमी, स्ट्रेस और स्टेरॉयड बन रहे खतरा

NDTV से खास बातचीत में यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. धीरेंद्र सिंघानिया ने बताया कि हार्ट अटैक के बड़े कारणों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल, नींद की कमी और हार्मोनल थेरेपी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “सेलेब्रिटी हों या आम इंसान, अगर शरीर के नियमों को नजरअंदाज करेंगे तो परेशानी होना तय है। कई बार फिट दिखने के चक्कर में लोग ऐसी चीजें ले लेते हैं जिनका शरीर पर खतरनाक असर होता है।”

हॉर्मोन थेरेपी और तनाव का बढ़ता असर

डॉ. सिंघानिया के मुताबिक महिलाओं में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का भी दिल की सेहत पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा सोशल मीडिया की लत और मानसिक तनाव भी हार्ट पर दबाव डालते हैं।

36 वर्षीय युवक का उदाहरण: ना धूम्रपान, ना शराब, फिर भी हार्ट अटैक

उन्होंने एक 36 साल के मरीज का उदाहरण भी साझा किया जो फिट था, नशे से दूर था, फिर भी हार्ट अटैक का शिकार हुआ। यह बताता है कि जीवनशैली से जुड़ी कई चीजें खामोशी से शरीर को नुकसान पहुंचा रही हैं।

शेफाली जरीवाला के घर से मिले सौंदर्य उत्पाद

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक मौत का सही कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन मुंबई पुलिस ने उनके घर से ग्लूटाथायोन, विटामिन C इंजेक्शन और एसिडिटी की गोलियां बरामद की हैं। ये सब स्किन फेयरनेस और एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट से जुड़े हैं।

डॉक्टर की राय: ये दवाएं कार्डियोटॉक्सिक नहीं होतीं

डॉ. सिंघानिया ने बताया कि ग्लूटाथायोन और विटामिन C का सीधा असर दिल पर नहीं पड़ता, लेकिन अगर इनके साथ हार्मोनल थेरेपी भी ली जा रही हो तो खतरा बढ़ सकता है।

एपिलेप्सी और हार्ट हेल्थ का कोई सीधा कनेक्शन नहीं

शेफाली को 15 साल की उम्र में एपिलेप्सी का पता चला था। इस पर डॉक्टर ने कहा, “एपिलेप्सी की दवाओं का दिल पर आमतौर पर सीधा असर नहीं होता, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि मरीज कौन सी दवा ले रहा है।”