रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक नया कानून साइन किया है, जिसके तहत सरकार एक स्वदेशी मैसेजिंग ऐप तैयार करेगी। इस ऐप को सरकारी सेवाओं से जोड़ा जाएगा, और इसका उद्देश्य है — WhatsApp और Telegram जैसे विदेशी प्लेटफॉर्म्स की निर्भरता को खत्म करना।
"डिजिटल संप्रभुता" की दिशा में बड़ा कदम
रूस लंबे समय से “डिजिटल संप्रभुता” (Digital Sovereignty) के लक्ष्य पर काम कर रहा है — यानी ऐसे डिजिटल टूल्स और प्लेटफॉर्म्स विकसित करना जो पूरी तरह घरेलू स्तर पर नियंत्रित हों।
2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद कई पश्चिमी टेक कंपनियों ने रूस से अपने ऑपरेशन बंद कर दिए। इसके बाद से रूस की यह कोशिश और तेज़ हो गई है।
सरकारी सेवाओं से होगा सीधा इंटीग्रेशन
नए कानून के मुताबिक, यह नया मैसेजिंग ऐप:
पूरी तरह से रूसी सर्वरों पर आधारित होगा,
सरकारी पोर्टलों और सेवाओं से जुड़ा होगा,
और नागरिकों को सुरक्षित संवाद और सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा।
WhatsApp और Telegram पर रूस की चिंता
हालांकि Telegram रूस में लोकप्रिय है, लेकिन यह एक निजी और विदेशी नियंत्रित ऐप है। रूस सरकार का मानना है कि इससे राष्ट्रीय डेटा की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।
रूस का यह कदम न सिर्फ तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में है, बल्कि राजनीतिक और साइबर सुरक्षा रणनीति का भी हिस्सा है। अब देखना यह होगा कि रूस का नया मैसेजिंग ऐप WhatsApp और Telegram को टक्कर दे पाता है या नहीं।
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