Vadodara में gambhira bridge हादसा: पुल ढहने से 10 की मौत

Bhiju Nath

गुजरात के वडोदरा जिले में मंगलवार तड़के एक दर्दनाक हादसे में 10 लोगों की जान चली गई जब महिसागर नदी पर बना करीब 40 साल पुराना गम्भीरा ब्रिज ढह गया। इस हादसे में दो ट्रक, एक बोलेरो जीप और अन्य वाहन नदी में जा गिरे, जिससे पांच लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए। यह पुल मध्य गुजरात और सौराष्ट्र को जोड़ता है और इसके ढहने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखा गया क्योंकि यह सामने आया कि ब्रिज की हालत को लेकर सरकारी विभागों को पहले से ही जानकारी थी, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पहले से था पुल की जर्जर हालत का अलर्ट

हादसे के बाद एक पुरानी ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है जिसमें वडोदरा के सामाजिक कार्यकर्ता लखन दरबार और R&B विभाग के एक अधिकारी के बीच बातचीत सुनी जा सकती है। यह रिकॉर्डिंग 22 अगस्त 2022 की बताई जा रही है, जिसमें अधिकारी खुद यह स्वीकार करता है कि पुल अब ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा और इसके लिए मरम्मत का प्रस्ताव भेजा गया था। बावजूद इसके करीब दो साल तक पुल की हालत जस की तस रही और अंततः वह ढह गया। इतना ही नहीं, ज़िला पंचायत सदस्य द्वारा कई बार लिखित में शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रशासन में मतभेद, इंजीनियर ने जताई असहमति

जहां एक ओर रिकॉर्डिंग में पुल की जर्जर हालत को लेकर चेतावनी दी गई थी, वहीं घटनास्थल पर मौजूद कार्यकारी अभियंता एन.एम. नायकावाला का दावा है कि पुल की स्थिति खराब नहीं थी। उन्होंने कहा, “गम्भीरा ब्रिज 1985 में बना था और इसकी उम्र 100 साल की होती है। पिछले साल इसकी मरम्मत हुई थी और इस साल गड्ढे भी भरे गए थे। हमारे निरीक्षण में कोई बड़ी खराबी सामने नहीं आई थी। असली कारण विस्तृत रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा।”

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश, राहत कार्य जारी

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और सड़क एवं भवन विभाग को इसकी जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इंजीनियरों की टीम और ब्रिज निर्माण विशेषज्ञ मौके पर पहुंचकर तकनीकी जांच कर रहे हैं और जल्द रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं राहत कार्य के लिए दमकल विभाग, वडोदरा नगर निगम की टीमें और NDRF के सदस्य घटनास्थल पर नावों और गोताखोरों की मदद से बचाव कार्य कर रहे हैं।

जनता में गुस्सा, मांग उठी जिम्मेदारों पर कार्रवाई की

इस हादसे को पूरी तरह एक “मानव निर्मित त्रासदी” बताया जा रहा है जिसे रोका जा सकता था। कार्यकर्ता लखन दरबार ने FIR दर्ज कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि ब्रिज का रखरखाव समय-समय पर होता रहा है और हादसे की जांच कराई जाएगी। लेकिन सरकार के अलग-अलग बयानों ने जनता के गुस्से को और भड़का दिया है। पुल का इस तरह गिरना एक चेतावनी है कि ढांचागत संरचनाओं की उपेक्षा कैसे जानलेवा साबित हो सकती है। अब पूरा देश इस हादसे को एक प्रशासनिक लापरवाही के प्रतीक के रूप में देख रहा है।